Wednesday, June 20, 2012
आज हिन्दू बिखरा पड़ा है अगर किसी से जागने के लिए कहो तो जवाब आता है की अकेले मैं क्या कर लूँगा कितनों को जगाऊँ मैं तो....मेरे हिन्दू भाइयों याद रखें बूंद-बूंद से सागर बनता है और एक आदमी के खड़े होने के से ही बाद लाइन और कारवां बनाना चालू हो जाता है...अगर इस बात से भी आपको आपका उत्तर नहीं मिलता तो एक बार इतिहास के पन्ने पलट दीजिये और हमारे पुरखों...बाप्पा रावल, महाराणा प्रताप, वीर शिवाजी इत्यादि की कहानियां पढ़ें की कैसे इन्होने लोगो को जगाया और एक जज्बा भरा...तथा कैसे अकेले ही भीड़ आतताइयों से...हमारे शारीर में भी इन्ही पराक्रमी पुरखों का खून दौड़ रहा है जो अभी पानी नहीं बना है...उस खून में बस उबल थोडा ठंडा पड़ गया है...उस खून में एक उबल लाइए देश के लिए, अपने हिन्दू भाइयों और बहनों के लिए...फिर देखिये सारी परेसनियों का हल अपने आप निकल जायेगा|
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