Monday, May 21, 2012
सरहदों पर हमने अपनी जान का सौदा कर दिया | भारत माँ सलामत रहे हर हाल में ,हमने ये फैसला कर लिया || ना झुकाई गर्दने अपनी धड से अलग भले ही हो गयी | राष्ट्र की शान तिरंगे को अपने हमने ना कभी गिरने दिया || भूल कर भूख प्यास बस आस ले शत्रु पर विजय की | सामने आने वाले हर दुश्मन का सीना हमने चीर दिया || जीत ले हम पुरे विश्व को वो हौसला हम में है | सामने आने पर हर जटिल मुसीबत का सामना कर लिया || चैन से तुम सब सो सको बेपरवाह हो सको | बस इसलिए नींद अपनी खो दी, चैन अपना खो दिया || देश के ही चंद मुट्ठी भर गद्दारों ने साजिशे है रची | हाथ में देकर बंदूके पत्थर खाने के लिए हमसे कह दिया || फिर भी शिकन नहीं चेहरे पर ना हौसला टूटने दिया | खा खा कर चोटें जिस्म पर खून अपना हमने बहने दिया || बह जाए भले ही खून इन रगों का माँ भारती | तेरी हिफाजत करने को सर्वश्य न्योछार अपना कर दिया || है गर्व मुझको ऐ माँ भारती हूँ फूल मैं तेरे बाग़ का | लूँगा फिर जन्म इस धरा पर ये फैसला मैंने है कर लिया || मैं दूंगा तो क्या दूंगा तुझे इस जान के सिवा माँ भारती ? तुने तो हम बच्चो के लिए बेहाल खुद को है कर लिया ||
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