Tuesday, May 22, 2012

टीईटी मेरिट से ही मिलेंगे अच्‍छे शिक्षक टीईटी मेरिट से ही मिलेंगे अच्‍छे शिक्षक उत्‍तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी को रदृ करने की खबरों से टीईटी उतीर्ण छात्रों में रोष है। पिछली सरकार ने प्राथमिक शिक्षक के लिए 72825 पद के विज्ञापन निकाला था। लेकिन सरकार बदलते ही निर्णय बदलने की संभावना के चलते टीईटी उतीर्ण अभ्‍यर्थियोंका भविष्‍य दांव पर लग गया है। विज्ञापन में टीईटी मेरिट के आधार पर चयन की बात की गई है। जबकि इसके पूर्व प्राथमिक विद्‍यालयों में चयन का आधार एकेडमिक मेरिट था। जबकि नई सरकार टीईटी मेरिट से होने वाली चयन प्रक्रिया को बदलने की तैयारी में है। बता दें की इससे पहले भी एकेडमिक मेरिट के चयन के आधार पर प्राथमिक टीचरों की भर्ती हो चुकी है। जिसमें यूपी बोर्ड से हाईस्‍कूल इण्‍टर करने वाले छात्र सीबीएससी बोर्ड की तुलना में एकेडमिक मेरिट मे काफी पीछे रह गये।ऐसे बीएड उतीर्ण उम्‍मीद्‍वार जिनका किसी कारण से एकेडमिक मेरिट कम है। उन्‍होंने अपनी एकेडमिक मेरिट से नौकरी मिलने की संभावना छोड़ चुके थे। लेकिन शिक्षा अनिवार्य कानून के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा अनिवार्य होने से और टीईटी के मेरिट या फिर किसी प्रतियोगी परीक्षा के प्रदर्शन पर सरकारी टीचर बनने के लिए इन्‍होंने आवेदन किया विज्ञापन के शर्तों के मुताबिक टीईटी परीक्षा की तैयारी की और उतीर्ण हुए लेकिन जब नौकरी की बारी आई तो टीईटी में धांधली के आरोप लगने लगे। विज्ञापन को चुनौती दी गई और विज्ञापन पर रोक लग गई। इस धांधली में माध्‍यमिक शिक्षा बोर्डके कई अधिकारी घेरे में आ गये। जबकि इस परीक्षा में धांधली परिणाम निकालते समय हुई जिससे जांच द्वारा पकड़ा जा सकता है। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग से इस परीक्षा को रदृदकरने और नियम बदलने की खबरें आ रही हैं जिस पर कितनी सच्‍चाई है वह कुछ दिनों में पता चल जाएगा। लेकिन इन सब से टीईटी छात्र आहत हैं। मानसिक और शारीरिक और आर्थिक रूप से ठगे महसूस कर रहे हैं। टीईटी को रद्द करने की सजा बेरोजगारों को क्‍योंॽ बार–बार यही सवाल उठता है कि आखिरसरकार की नकामी की सजा बेरोजगारों की कब तक मिलती रहेगी। नौकरी के लिए आयोजित शिक्षा विभाग में परीक्षाएंक्‍यों भ्रष्‍टाचार के भेट चढ़ जाती हैं। इसके बाद बड़ी आसानी से परीक्षा रदृ करे अपनी जिम्‍मेदारियों से पल्‍ला झाड़ लिया जाता है। जिनको साफ सुथरी परीक्षा कराने की जिम्‍मदारी सौंपीगई वही लोगों ने टीईटी परीक्षा में धन उगाही की तो उन लोगों का नाम सामने आना चाहिए। साथ ही इस परीक्षाकी निश्‍पक्ष जांच सीबीआई से करानी चाहिए ताकी इनके पीछे के लोगों का पर्दाफाश किया जा सके। लेकिन बिना ठोस जांच के परीक्षा निरस्‍त करने से और चयन प्रक्रिया को बदलने से कुछ नहीं होने वाला बल्‍कि इन परीक्षाओं में धांधली करने वालों का मनोबल बढ़ेगा और अगली परीक्षाओं को भी प्रभावित करेंगे।

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