Friday, November 15, 2013
ौनपुर जिले से सांसद धनंजय सिंह की पत्नी पर नौकरानी की हत्या का आरोप लगा। वहीं धनंजय सिंह पर भी आपराधिक षड़यंत्र रचने और सबूत मिटाने का आरोप लगा। यही नहीं इस मामले के सामने आने के बाद धनंजय सिंह के ऊपर दिल्ली के मयूर विहार की रहने वाली महिला ने 5 वर्ष तक रेप करने का आरोप लगाया। इसी के साथ एक बार फिर जन राजनीतिज्ञों और जन प्रतिनिधियों के दागी होने और राजनीति के अपराधीकरण पर चर्चा गर्म हो चली है। उत्तर प्रदेश विधान सभा में 47 फीसदी विधायक दागी हैं। सदन में दागी विधायकों की संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश का नाम शर्मनाक तरीके से देश में सबसे अव्वल है। यहां कुल 189 विधायक ऐसे हैं जिनके खिलाफ कोई ना कोई आपराधिक मामले चल रहे हैं। इलेक्शन वॉच संस्था ने यूपी में वर्ष 2012 के विधान सभा चुनावों में विजयी हुए दागी नेताओं की सूची जारी की थी। इनमें से 189 विजयी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं। उनमें से 88 नेताओं के खिलाफ ह्त्या, बलात्कार और दंगे भड़काने जैसे गंभीर माने जाने वाले अपराध दर्ज हैं। चकाचक सफ़ेद खादी पहनने वाले नेताओं का इतिहास कितना काला है, यह इस सूची से पता चलता है। इन 88 नेताओं में से टॉप टेन में 8 सपा के विधायक हैं। इनके नाम इस प्रकार हैं: अलीगंज एटा से सपा के रामेश्वर सिंह, ज्ञानपुर से सपा के विजय कुमार, बीकापुर से सपा के मित्रसेन यादव, गोसाईंगंज से सपा अभय सिंह, लखनऊ सेंट्रल से सपा के रविदास मेहरोत्रा, अमरोहा से सपा के महबूब अली, मऊ से निर्दलीय मुख्तार अंसारी, डिबाई से सपा के श्री भगवान शर्मा, तमकुही राज से कांग्रेस के अजय कुमार उर्फ लल्लू और सीतापुर से सपा के राधेश्याम जायसवाल शामिल हैं।
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